Friday, 26 June 2020

सुशांत हादसे पर मनोज बाजपेयी की अपील : 'हम' और 'वो' के साथ 'अपने' व 'बाहरी' की दूरी मिटाएं


अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने हिंदी फिल्म उद्योग के भीतर गहरी जड़ें जमाए हुए मतभेदों को सामने ला दिया है। इसके साथ ही बॉलीवुड में लोगों के प्रभुत्व जमाने के बर्ताव, भाई-भतीजावाद और भेदभाव भी सामने आ गए हैं। गत 14 जून को 34 वर्षीय अभिनेता का शव मुंबई स्थित उनके अपार्टमेंट में मिला था। उनकी मौत के बाद चकाचौंध से भरी यह दुनिया ‘अपने', ‘बाहरी' और ‘हम' बनाम ‘वो' के बीच बंट गई है। एक वो हैं जिन्हें लोकप्रियता विरासत में मिली है और दूसरे, जिन्होंने खून-पसीना बहाकर इसे पाया है।
मनोज बाजपेयी का कहना है कि उद्योग में जिस बदलाव को हर कोई देखना चाहता है, वह तभी बाहर आ सकता है, जब ताकतवर वर्ग ‘भीतरी-बाहरी' का भेद मिटा दें। उन्होंने कहा, ‘‘भाई-भतीजावाद पर कुछ वर्षों से चर्चा हो रही है। लेकिन यह बदलाव तभी आएगा, जब प्रभावशाली स्थानों पर बैठे, स्थापित लोग इस उद्योग में आने वाले सभी प्रतिभाशाली लोगों के लिए एक स्वस्थ और लोकतांत्रिक माहौल बनाएं।''
बता दें कि मनोज बाजपेयी और सुशांत सिंह राजपूत ने एक साथ फिल्म 'सोनचि​ड़ैया' में काम किया था, जो पिछले साल 2019 में रिलीज हुई थी। फिल्म के प्रमोशन के दौरान दोनों की कैमिस्ट्री भी दमदार दिख रही थी।
सुशांत की आत्महत्या से आहत मनोज बाजपेयी ने कहा था— सुशांत और मैं ​एक ही जगह से हैं। बिहार के पटना से। जब वह पहली बार मुझसे मिले थे तो झट से मेरे पांव छू लिए थे। फिर अपनी भाषा में दिल खोलकर ढेर सारी बातें करने लगे। मुझे लगा ही नहीं कि हम पहली बार मिले हैं। मुझे उनकी हर बात पूरी तरह से याद है। उनके अंदर आगे बढने के सारे गुण थे। जिस उम्र में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाकर इस दुनिया को अलविदा कह दिया, उस उम्र तक तो लोग मुझे जानते तक नहीं थे। सुशांत में बहुत पोटेंशियल था। वह रहता तो अपनी बेहतरीन और दमदार एक्टिंग के बल पर फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर देता। पर किस्मत को शायद यह नहीं मंजूर था। हालांकि जातेजाते वह पूरे देश को ही झकझोर गया। काश! कि उसने ऐसा न किया होता।
राजपूत की फिल्म ‘डिटेक्टिव व्योमकेश बक्शी' के निर्देशक दिबाकर बनर्जी ने कहा, ‘‘इस उद्योग को ऐसे स्थान में बदलने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी, जहां हर किसी का स्वागत हो।'' उन्होंने कहा कि बाहर से इस दुनिया में आए लोगों को फिल्म जगत, जनता और बॉक्स ऑफिस पर पैठ बनाने के लिए कलाकारों के बच्चों की तुलना में दोगुनी मेहनत करनी होती है। सुशांत सिंह राजपूत को संभवत: शाहरुख खान के बाद ऐसा खास अदाकार माना जाता है, जिसने टेलीविजन की दुनिया से हिंदी फिल्मों की चमक-दमक में प्रवेश किया और नाम कमाया, लेकिन उनकी मौत ने रुपहले पर्दे की दुरुह सच्चाई को सबके सामने ला दिया।

राजपूत के असमय चले जाने से हिंदी फिल्मों की दुनिया में बदलाव की बात शुरू हो गई है। उनकी मौत के बाद करण जौहर, आलिया भट्ट और सोनम कपूर जैसे बड़े नामों और सितारा पुत्र-पुत्रियों को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। जौहर के शो ‘कॉफी विद करण' की एक पुरानी क्लिप में आलिया भट्ट को राजपूत का मजाक उड़ाते और सोनम कपूर को उन्हें नहीं जानने की बात कहते सुना जा सकता है, जिस पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा सामने आया है।
चेंज डॉट ओआरजी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन याचिका में जौहर, यशराज फिल्म्स और सलमान खान का बहिष्कार करने की बात कही गई है, जिस पर अब तक करीब 38 लाख लोगों के दस्तखत के साथ समर्थन मिलने का दावा किया गया है।