आषाढ अमावस्या पर रविवार को कंकणाकृति सूर्यग्रहण (Solar eclipse) होगा। इसदिन 6 ग्रह गुरु, शनि, शुक्र, बुध, राहु और केतु उलटी चाल चलेंगे। वहीं इसदिन आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। आसमान में दिन में तारे टिमटिमाते दिखाई देंगे, वहीं करीब 30 सैकंड के लिए दिन में रात नजर आएगी।
सूर्यग्रहण का स्पर्श सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर होगा, कंकणाकृति सुबह 10 बजकर 19 मिनट से शुरू हेागी। ग्रहण का मध्य दोपहर 12 बजकर 10 मिनट रहेगा। कंकणाकृति दोपहर 2 बजकर 02 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ग्रहण दोपहर 3 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ग्रहण काल करीब 5 घंटा 48 मिनट तक रहेगा। इस बीच कंकणाकृति करीब 1 घंटा 17 मिनट तक दिखाई देगी। जयपुर की बात करें तो ग्रहण सुबह 10 बजकर 14 मिनट से ग्रहण देखा जा सकेगा। ग्रहण का मध्य सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर आएगा। जयपुर में 1 बजकर 44 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा। जयपुर में ग्रहण 3 घंटा 29 मिनट रहेगा। जयपुर में ग्रहणकाल के दौरान सूर्य 91 प्रतिशत ग्रसित रहेगा।
बी.एम.बिड़ला तारामण्डल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि कंकण सूर्यग्रहण का नजारा बीकानेर के घड़साना, सूरतगढ़, हरियाणा में सिरसा व कुरूक्षेत्र, तथा उत्तराखण्ड में देहरादून व जोशीमठ आदि स्थानों से दिखाई देगा। जयपुर में आंशिक सूर्यग्रहण का नज़ारा नज़र आएगा। जयपुर में ग्रहण सुबह 10 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा और दोपहर बाद 1 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। इस बीच 11.56 बजे अधिकतम 88 प्रतिशत सूर्य ढका हुआ नज़र आएगा। इस बार करोना संक्रमण के चलते तारामण्डल परिसर में ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था नहीं हो पाएगी।
बी.एम.बिड़ला तारामण्डल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि कंकण सूर्यग्रहण का नजारा बीकानेर के घड़साना, सूरतगढ़, हरियाणा में सिरसा व कुरूक्षेत्र, तथा उत्तराखण्ड में देहरादून व जोशीमठ आदि स्थानों से दिखाई देगा। जयपुर में आंशिक सूर्यग्रहण का नज़ारा नज़र आएगा। जयपुर में ग्रहण सुबह 10 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा और दोपहर बाद 1 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। इस बीच 11.56 बजे अधिकतम 88 प्रतिशत सूर्य ढका हुआ नज़र आएगा। इस बार करोना संक्रमण के चलते तारामण्डल परिसर में ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था नहीं हो पाएगी।
इन देशों में दिखाई देगा सूर्यग्रहण
ग्रहण भारत सहित अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया (उत्तरी व पूर्वी रूस को छोड़कर), इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, सउदी अरब, इरान, इराक, दक्षिणी चीन, फिलिपिन्स सहित हिंद व प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
ग्रहण भारत सहित अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया (उत्तरी व पूर्वी रूस को छोड़कर), इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, सउदी अरब, इरान, इराक, दक्षिणी चीन, फिलिपिन्स सहित हिंद व प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
30 सैकंड के लिए ग्रह टिमटिमाते दिखाई देंगे
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि कंकणाकृति सूर्यग्रहण के दौरान शुक्र ग्रह सूर्य से लगभग 25 अंश पश्चिम की ओर तथा बुध ग्रह सूर्य से लगभग 14 अंश पूर्व की ओर दिखाई देंगे। तारामंडल में मेष, वष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या राशियों के ग्रह और नक्षत्र पश्चिम से पूर्व क्षितिज तक इस समय अधिकतम 30 सैकंड के लिए टिमटिमाते दिखाई देंगे।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि कंकणाकृति सूर्यग्रहण के दौरान शुक्र ग्रह सूर्य से लगभग 25 अंश पश्चिम की ओर तथा बुध ग्रह सूर्य से लगभग 14 अंश पूर्व की ओर दिखाई देंगे। तारामंडल में मेष, वष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या राशियों के ग्रह और नक्षत्र पश्चिम से पूर्व क्षितिज तक इस समय अधिकतम 30 सैकंड के लिए टिमटिमाते दिखाई देंगे।
30 सैकंड के लिए दिन में होगी रात
ज्योतिषाचार्य नरोत्तम पुजारी ने बताया कि सूर्यग्रहण में कंकणाकृति प्रारंभ होने के 3-4 सैकंड पहले ही पश्चिम क्षितिज की ओर एक विशालकाय काली छाया तेज गति से तूफान की तरह भागती नगर आएगी। इसके साथ ही दिन में अंधेरा हो जाएगा। करीब 30 सैकंड के लिए दिन में रात हो जाएगी।
6 ग्रह चलेंगे उलटी चाल
सूर्य ग्रहण के दौरान 6 ग्रह वक्री रहेंगे। गुरु, शनि, शुक्र, बुध वक्री रहेंगे, वहीं राहु और केतु उलटी चाल चलते है, ऐसे में ग्रहणकाल के दौरान ये ग्रह वक्री रहेंगे। वहीं गुरु और शनि एक साथ मकर राशि में युति कर उलटी चाल चलेंगे, इसके साथ बुध और शुक्र भी वक्री होकर इनका सहयोग करेंगे।