Friday, 6 March 2020

26 साल पहले Shane Warne के कारण मैदान पर बड़ा विवाद होने से बच गया


मल्टीमीडिया डेस्क। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर Shane Warne को जितना अपनी खतरनाक लेग स्पिन गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, उतना ही उन्हें विवादो के लिए भी पहचाना जाता है। इस क्रिकेटर ने मैदान पर जितना कमाल किया, मैदान के बाहर उनके नाम के साथ उतने विवाद भी जुड़े रहे हैं। Shane Warne ने 1994 में मार्च में जोहान्सबर्ग टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के एंड्रयू हडसन के आउट होने पर जिस तरह से गालियां देते हुए उन्हें आक्रामक अंदाज में बाहर जाने का इशारा किया था उसकी वजह से मैदान पर हिंसा होते-होते बच गई थी।
एलन बॉर्डर की ऑस्ट्रेलियाई टीम 24 साल बाद 1994 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर रही थी और जोहान्सबर्ग में हुआ पहला टेस्ट मैच खेल की बजाए गलत वजहों से सुर्खियों में रहा। Shane Warne को 44वें ओवर में गेंदबाजी मिली और इस समय तक द. अफ्रीका हावी हो चुका था। Shane Warne ने 60 रनों पर खेल रहे Andrew Hudson को राउंड द लेग्स बोल्ड किया। इसके साथ ही शेन वॉर्न आपा खो बैठे और उन्होंने हडसन को गालियां देते हुए मैदान से बाहर जाने का इशारा किया। हडसन इस तरह के आपत्तिजनक शब्दों को सुन स्तब्ध रह गए। दूसरी तरफ वॉर्न का गुस्सा कम ही नहीं हो रहा था, वे उग्र थे और ऐसा लग रहा था कि मैदान पर हाथापाई हो जाएगी लेकिन इयान हिली ने बमुश्किल शेन वॉर्न को संभाला। दर्शकों को वॉर्न के इस व्यवहार से गुस्सा आ गया और पूरे दिन वॉर्न की हूटिंग करते रहे। इसके बाद आईसीसी मैच रैफरी डोनाल्ड कैर ने वॉर्न पर जुर्माना लगाया।
वैसे वॉर्न को बाद में अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने अपनी आत्मकथा 'शेन वॉर्न: माय ओन स्टोरी' में लिखा, एंड्रयू हडसन उस तरह की अभद्र भाषा के हकदार नहीं थे। मुझे भी नहीं मालूम कि उस समय मुझे क्या हो गया था। वो पूरी घटना दुखद थी और उस दौरान नजर आ रहा खिलाड़ी वास्तविक शेन वॉर्न नहीं था।
हडसन से मांग ली थी माफी :
शेन वॉर्न ने अपनी आत्मकथा में लिखा, दिन का खेल खत्म होने के बाद मैच रैफरी ने मुझ पर जुर्माना किया। वहां से वापस लौटते समय दक्षिण अफ्रीकी टीम के ड्रेसिंग रूम के बाहर मेरी एंड्रयू हडसन से मुलाकात हुई और मैंने उनसे माफी मांगी। मैंने कहा कि मुझे निजी तौर पर उनसे कोई समस्या नहीं है। दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ियों ने भी मुझे माफ कर दिया और उन्होंने इस मुद्दे को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया।