एक्टर जूही चावला ने अपने करियर में कई शानदार फिल्में की। साल 1988 में जूही की फिल्म 'कयामत से कयामत तक' आई थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। उन्होंने अपने करियर में कुछ बेहतरीन फिल्में हाथ से जाने दीं। शायद, इनका 'ईगो' आड़े आ गया था। आपको बता दें कि बाद में वह फिल्में हिट साबित हुईं।
राजीव मसंद संग इंटरव्यू में जूही चावला ने अपने करियर के अलावा करिश्मा कपूर के करियर पर खुलकर बात की। जूही ने बताया कि मैं बेवकूफ थी और जिद्दी हो गई थी। मैंने यह सोचना शुरू कर दिया था कि अगर मैंने काम करने से इंकार किया तो बॉलीवुड इंडस्ट्री रुक जाएगी। मुझे उस समय कई बेहतरीन फिल्में ऑफर हुईं। लेकिन शायद उनके आगे मेरा ईगो ज्यादा बड़ा था। मैंने वह फिल्में नहीं की। जो मुझे करनी चाहिए थीं। वह फिल्में उस जमाने में दूसरी कई फिल्मों के लिए कॉम्पिटिशन साबित होती। मैंने वह फिल्में इसलिए नहीं कीं क्योंकि मैं आसान चीजें चाहती थी। और मैं सिर्फ उन लोगों के साथ काम करना चाहती थी जिनके साथ में कंफर्टेबल हूं।
जूही को अपने करियर में दो फिल्में न करने का मलाल है। एक 'दिल तो पागल है' और दूसरी 'राजा हिन्दुस्तानी'। ये दोनों ही फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुई थीं। बाद में ये दोनों ही फिल्में करिश्मा कपूर की झोली में गिरीं। यहां तक की फिल्म 'दिल तो पागल है' के लिए करिश्मा कपूर ने नेशनल अवॉर्ड तक जीता। वहीं, 'राजा हिन्दुस्तानी' फिल्मोग्राफी में सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। जूही चावला से जब पूछा गया कि क्या करिश्मा कपूर के करियर को बनाने में उनका कोई योगदान रहा है तो मजाक में जूही ने जवाब दिया कि बिलकुल, मैं ही तो करिश्मा कपूर के स्टारडम की वजह हूं।