क्या सरकार धीरे-धीरे 2,000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर करना चाहती है? एक रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी बैंक ने अपने कर्मचारियों को लिखित में आदेश जारी कर कहा है कि वे 2,000 रुपए के नोट ग्राहकों को न दें। इसके अलावा ए.टी.एम. में भी इन्हें न डाला जाए। बैंक अधिकारियों को ए.टी.एम. में 500 के अलावा 200 और 100 रुपए के नोट डाले जाने का आदेश जारी किया गया है।
एक अंग्रेजी की वैबसाइट की रिपोर्ट में बैंक के एक अधिकारी के हवाले से यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक ई-मेल के जरिए बैंक कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे निकासी के लिए आने वाले ग्राहकों को 2,000 की बजाय दूसरे नोट दें। इसके अलावा ए.टी.एम. में भी इन्हें न भरा जाए। हालांकि ग्राहकों के लिए इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। बैंक की ओर से जारी आदेश में ग्राहकों से 2,000 के नोट को स्वीकार करने को कहा गया है। बैंक की ओर से भेजे गए ई-मेल में यह भी कहा गया है कि जल्दी ही इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा। रिपोर्ट में सूत्र का नाम उजागर न करते हुए यह भी दावा किया गया है कि आदेश के बाद सभी मैनेजरों से यह कहा गया कि अगली सुबह से लेन-देन में इसे लागू किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंक ने कर्मचारियों से कहा कि वे 100 के नोटों का ज्यादा से ज्यादा लेन-देन करें। आदेश के मुताबिक करंसी चैस्ट से भी 100 रुपए के नोटों की सप्लाई को विशेष तौर पर बढ़ाया जाएगा। यह आदेश ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कुछ दिनों पहले नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में 2,000 रुपए के नकली नोटों की बाढ़ आने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कुल बरामद किए गए नकली नोटों में 56 प्रतिशत हिस्सा 2,000 रुपए के नोटों का है।
2000 के नोट अब ए.टी.एम. के लायक नहीं रहे। नोटों की छंटाई के लिए बैंकों में लगीं सुपर सॉॄटग मशीनों ने 2000 के नोटों को ए.टी.एम. के लायक नहीं माना है। 100 नोटों में से महज 8-10 नोट ही ए.टी.एम. में इस्तेमाल लायक हैं। ये हाल देखते हुए बैंक आफ इंडिया, पी.एन.बी. सहित कई बड़े बैंकों ने ए.टी.एम. से 2000 के कैसेट हटा दिए हैं। 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी के बाद पहली बार 2000 के नोट आर.बी.आई. ने छापे थे। मई 2017 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। इन 32 महीनों में 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में आए और इस वजह से उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई।